गुरुवार, 18 दिसंबर 2008

वृद्धों के लिए राष्ट्रीय नीति

नीतियाँ और योजनाएँ



कुछ वर्षों से सरकार ने वृद्ध व्‍यक्तियों के लिए कई योजनाएं और नीतियां शुरू की हैं। इन योजनाओं और नीतियों का प्रयोजन देश के वरिष्‍ठ नागरिकों की आरोग्‍यता, कल्‍याण और आत्‍म-निर्भरता को बढ़ावा देना है। ऐसे कुछ कार्यक्रमों का उल्‍लेख नीचे किया गया है।

केंद्र सरकार ने भारत में वरिष्‍ठ नागरिकों के आरोग्‍यता और कल्‍याण को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 1999 में वृद्ध सदस्‍यों के लिए राष्‍ट्रीय नीति तैयार की है। इस नीति का उद्देश्‍य व्‍यक्तियों को स्‍वयं के लिए तथा उनके पति या पत्‍नी के बुढ़ापे के लिए व्‍यवस्‍था करने के लिए प्रोत्‍साहित करना है इसमें परिवारों को अपने परिवार के वृद्ध सदस्‍यों की देखभाल करने के लिए प्रोत्‍साहित करने का भी प्रयास किया जाता है। यह नीति स्‍वैच्छिक एवं गैर-सरकारी संगठनों को परिवार द्वारा की जा रही देखभाल की अनुपूर्ति करने और असुरक्षित वृद्ध व्‍यक्तियों की देखभाल और सुरक्षा की व्‍यवस्‍था करने में मदद करती है। इस नीति के तहत स्‍वास्‍थ्‍य देख-रेख, अनुसंधान जागरूकता लाने और वृद्ध व्‍यक्तियों की देख-रेख करने वालों के लिए प्रशिक्षण सुविधाओं का भी उल्‍लेख किया गया है। इस नीति का मुख्‍य उद्देश्‍य वृद्ध व्‍यक्तियों को पूरी तरह से आत्‍म-निर्भर नागरिक बनाना है।

इस नीति के कारण कई योजनाएं शुरू की गई हैं जैसे कि –

1. प्राथमिक देख-रेख प्रणाली को सुदृढ़ बनाना, जिससे वे वृद्ध व्‍यक्तियों की स्‍वास्‍थ्‍य रक्षा की जरुरतों को पूरा कर सकें।
2. वृद्ध व्‍यक्तियों की स्‍वास्‍थ्‍य रक्षा के संबंध में चिकित्‍सा और सहायक चिकित्‍सा कार्मिकों को प्रशिक्षण तथा परिचय
3. स्‍वस्‍थ रहते हुए बुढ़ापे की ओर बढ़ने की धारणा को बढ़ावा देना
4. वृद्ध-चिकित्‍सा संबंधी सामग्री के उत्‍पादन और विवरण के लिए समितियों को सहायता.
5. अस्‍पतालों में वृद्ध रोगियों के लिए पृथक लाइनों और शैया के आरक्षण की व्‍यवस्‍था
6. अंत्‍योदय योजना के तहत अधिक से अधिक लोगों को शामिल करना और इस बात पर जोर देना कि वृद्ध व्‍यक्तियों, खासकर जो विस्‍थापित हैं, कमजोर वर्गों से संबंध रखते हैं, के कल्‍याण के लिए सस्‍ती दरों पर भोजन की व्‍यवस्‍था करना।

वृद्ध व्‍यक्तियों के लिए समेकित कार्यक्रम एक ऐसी योजना है जिसमें 31 मार्च, 2007 की स्थिति के अनुसार गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) को परियोजना लागत की 90 प्रतिशत तक की राशि की वित्‍तीय सहायता प्रदान की जाती है। यह राशि वृद्धाश्रम, दिवस देखभाल केंद्र, चलते-फिरते चिकित्‍सा यूनिट स्‍थापित करने और उनकी रखरखाव करने और वृद्ध व्‍यक्तियों की अन्‍य जरुरतों जैसे कि परिवार को प्रबलित और सुदृढ़ बनाना, संबंधित मुद्दों पर जागरूकता लाना और बुढ़ापे को खुशहाल बनाना आदि को पूरा करने के लिए भी कार्य करती है।

सरकार का अन्‍य कार्यक्रम पंचायती राज संस्‍थाओं स्‍वैच्छिक संगठनों और स्‍व-सहायता समूहों की वृद्धाश्रमों और वृद्ध व्‍यक्तियों के लिए बहु सेवा केंद्रों के निर्माण के लिए सहायता प्रदान करने की योजना है। इस योजना में निर्माण के लिए एक बारगी अनुदान प्रदान किया जाता है।

केंद्रीय सरकार स्‍वास्‍थ्‍य योजना केंद्रीय सरकार के कार्यालयों के पेंशनभोगियों को पुरानी बीमारियों के लिए लगातार तीन महीने तक इलाज करने की सुविधा प्रदान करती हैं। अधिक जानकारी के लिए, यहां क्लिक करें।

राष्‍ट्रीय मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य कार्यक्रम में एल्‍जाइमर और अन्‍य विक्षिप्तियों, पार्किन्‍सन रोग, अवसाद और वृद्धावस्‍था मनोविकार रोग से ग्रस्‍त वरिष्‍ठ नागरिकों की जरुरतों पर ध्‍यान दिया जाता है।

नई योजनाएं

जी हां, वित्‍तीय सुरक्षा की यात्रा यहीं समाप्‍त नहीं हो जाती। केंद्र सरकार वरिष्‍ठ नागरिकों के हित के लिए और नई-नई योजनाएं और स्‍कीमें बना रही है। वर्ष 2007-08 के बजट, में वित्‍त मंत्री ने वरिष्‍ठ नागरिकों को मासिक आय प्रदान करने और नई स्‍वास्‍थ्‍य बीमा योजनाएं विकसित करने का प्रस्‍ताव किया है।

वरिष्‍ठ नागरिकों के हित के लिए यह प्रस्‍ताव किया गया है कि –

* राष्‍ट्रीय आवास बैंक एक 'प्रत्‍यावर्ती गिरवी (रिवर्स मार्टगेज) योजना शुरू करेगा जिसके तहत वह वरिष्‍ठ नागरिक जिसके पास अपना मकान है, मकान को गिरवी रखकर मासिक आय प्राप्‍त कर सकता है। वह वरिष्‍ठ नागरिक उस मकान का स्‍वामी बना रहेगा और ऋण का भुगतान अथवा शोधन किए बिना जीवन भर मकान उसके ही कब्‍जे में रहेगा। गिरवी गारंटी कंपनियों के सृजन की मंजूरी देने के लिए विनियम लागू किए जांएगे।
* राष्‍ट्रीय बीमा कंपनी द्वारा वरिष्‍ठ नागरिकों के लिए एकमात्र स्‍वास्‍थ्‍य बीमा योजना लागू की जाएगी। चिकित्‍सा बीमा खंड में यथा उल्लिखित तीन अन्‍य सरकारी क्षेत्र बीमा कंपनियां भी वरिष्‍ठ नागरिकों के लिए ऐसी ही कोई योजना लागू करेंगी।
* माता-पिता एवं वरिष्‍ठ नागरिक भरण-पोषण विधेयक, 2007 – यह विधेयक हाल ही में संसद में पेश किया गया है। इसमें माता-पिता के भरण-पोषण, वृद्धाश्रमों की स्‍थापना, चिकित्‍सा सुविधा की व्‍यवस्‍था और वरिष्‍ठ नागरिकों के जीवन और सं‍पत्ति की सुरक्षा का प्रावधान किया गया है।

वरिष्‍ठ नागरिकों के लिए इन नई गतिविधियों का प्रयोजन उन्‍हें बेहतर, शान्तिमय और वित्‍तीय दृष्टि से सुदृढ़ जीवन प्रदान करना है।

- भारत का राष्ट्रीय पोर्टल

2 टिप्‍पणियां:

P.N. Subramanian ने कहा…

रेलवे की खिड़कियों को और बूमबई की बसों को छ्चोड़ कहीं कुछ नहीं दिखता. सब कुछ काग़ज़ पर ही है.

बेनामी ने कहा…

niti bani hi hai
riddhaashram bhi khule
magar rahne walon me jyaadaatar apne aap ko kunwaaraa kajlaanaa pasand karne lage hai. kyonki biti baaten mushkilen khadi karne lagi to kunwaarepan ne pariwaar se door rakhne me bharosa de diya

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